आर्थिक संकट से मुक्ति के लिए
“काली कंकाली केलि कलाभ्यां स्वाहा”
दस हजार रोज जप एवं एक हजार हवन (सूखी मछली से। न मिले तो त्रिमधु मधु, चीनी व घी से) 21 दिन में अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। इस अनुष्ठान से आर्थिक समस्या का शीघ्र निवारण होता है। इस विधि से अन्य मनोकामना की भी पूर्ति हो सकती है। मंत्र जप, हवन आदि के लिए कोई नियम व तरीका निर्धारित नहीं। अर्थात- इसके लिए शुद्धि-अशुद्धि, न्यासादि की भी जरूरत नहीं है। सिर्फ निर्धारित संख्या में जप व हवन से अभीष्ट की पूर्ति होती है। हालांकि इतना ध्यान अवश्य रखा जाना चाहिए कि देवी के प्रति अटूट भक्ति और विश्वास हो।
सर्व मनोकामना पूर्ति के लिए उपयोगी मंत्र
द्वादशाक्षर मंत्र-ऊं काली कंकाली किल किले स्वाहा
त्रयोदशाक्षर मंत्र-ऊं ह्रीं काली कंकाली किल किल स्वाहा
चतुर्दशाक्षर मंत्र- ऊं काली महाकाली केलिकलाभ्यां स्वाहा
ऊं ह्रीं काली कंकाली किल किल फट स्वाहा
पंचादशाक्षर मंत्र- क्लीं कालि कालि महाकालि कोले किन्या स्वाहा
ऊं कां काली महाकाली केलिकलाभ्यां स्वाहा
विधि–उड्डामहेश्वर तंत्र एवं काली कल्पतरु में कंकाली के मंत्रों के जप के लिए दस हजार की संख्या में ही पुरश्चरण कहा गया है। उसके अनुसार दिन में दस हजार मंत्र का जप कर शाम को दसवें हिस्से के मंत्र से हवन करें। हवन की यह संख्या कम भी हो सकती है। एक अन्य मत के अनुसार
संध्याकाले सहस्रैकं होमयेत् तत: कंकाली वरदा भवति, सुवर्ण चतुष्टयं प्रत्यहं ददाति।