GuruPushya Yoga 2018
गुरुपुष्य योग 2018
Starting Time | Ending Time | ||
Date | Time | Date | Time |
10 -8-2018 | 5:44 | 10 -8 2018 | Sunrise |
06-9-2018 | 15:14 | 07-9-2018 | Sunrise |
04-10-2018 | Sunrise | 04-10-2018 | 20:49 |
इस योग में मंगल कार्य का प्रारम्भ करना श्रेष्ठ माना गया है परन्तु इस योग में विवाह, मुंडन, गृहनिर्माण, गृहप्रवेश आदि कार्य इस के लिए निर्धारित मुहूर्त में ही करना चाहिए।
जिस प्रकार शेर समस्त जानवरों का राजा होता है, ठीक उसी प्रकार गुरु पुष्य योग भी सभी योगों में प्रधान माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस शुभ योग में किए गए कार्य सफल होते हैं। इसलिए लोग गुरु पुष्य योग में अपने नए कार्य का श्रीगणेश करना शुभ मानते हैं। वे इस अवसर पर अपना नए व्यापार का आरंभ, नई प्रॉपर्टी अथवा नया वाहन आदि ख़रीदते हैं।
वैसे तो चंद्रमा का राशि के चौथे, आठवें एवं 12वें भाव में उपस्थित होना अशुभ माना जाता है। परंतु यह पुष्य नक्षत्र की ही अनुकंपा है जो अशुभ घड़ी को भी शुभ घड़ी में परिवर्तित कर देती है। इसी कारण 27 नक्षत्रों में इसे शुभ नक्षत्र माना गया है।
शास्त्रों के अनुसार यह माना गया है कि इसी नक्षत्र में धन व वैभव की देवी लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार एवं रविवार के दिन पड़ता है तो क्रमशः इसे गुरु पुष्यामृत योग और रवि पुष्यामृत योग कहते हैं। ये दोनों योग धनतेरस, चैत्र प्रतिपदा के समान ही शुभ हैं।
EFFECTS OF DASHAS OF THE LORDS OF HOUSES AND THEIR ANTAR DASHAS