Goga Jahar Peer Ji Sadhana Mantra, Puja Vidhi, Rules in Hindi गोगा जाहर पीर साधना विधि एवं नियम, मंत्र, पूजा विधि
गोगा जाहर पीर का जन्म मंगलवार नवमी तिथि को हुआ जो आज गुगा नवमी के नाम से जानी जाती है | कृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन आती है |
सिद्धनाथ वीर गोगादेव
राजस्थान के लोक प्रिये देवता हैं। उन्हें जाहरवीर गोगाजी के नाम से भी जाना जाता है । राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले का गोगामेड़ी शहर है यहां भादव शुक्लपक्ष की नवमी को गोगाजी का मेला लगता है। इन्हे सभी धर्मों के लोग पूजते है । वीर गोगाजी गुरुगोरखनाथ के परम शिष्य थे। चौहान वीर गोगाजी का जन्म चुरू जिले के ददरेवा गाँव में विक्रम संवत १००३ में हुआ था, सिद्ध वीर गोगादेव का जन्मस्थान, जो दत्तखेड़ा ददरेवा राजस्थान के चुरू जिले में स्थित है। जहाँ पर सभी धर्मों के लोग मत्था टेकने के लिए दूर-दूर से आते हैं। मुस्लिम समाज के लोग जाहर पीर के नाम से पुकारते हैं तथा उक्त स्थान पर मन्नत माँगने और मत्था टेकने आते हैं। यह स्थान हिंदू और मुस्लिम एकता का प्रतीक है।
गोगा जाहर पीर साधना विधि एवं नियम
१. साधना शुरू करने से पहले यह वचन करें कि मैं नाग कभी नहीं मारूंगा और न ही नागों को किसी तरह का कष्ट दूंगा |
२. यह साधना 41 दिन की है | इसे आप गोगा नवमी से शुरू कर सकते हैं | अगर ऐसा न हो तो किसी भी नौ चंदे रविवार ( शुक्लपक्ष के प्रथम रविवार ) शुरू कर लें |
३. इसमें आप सफ़ेद वस्त्र और ऊनी आसन का उपयोग करें | आसन किसी भी रंग का लिया जा सकता है | फिर भी सफ़ेद आसन उत्तम है |
४. साधना काल में ब्रह्मचर्य अनिवार्य है |
५. इस मंत्र का 5 माला जाप करना है | इसके लिए काली हकीक माला सबसे उत्तम है ६. इसे आप किसी भी नदी किनारे बैठ कर करें या गोगा माड़ी पर भी कर सकते हैं | वह हर शहर में होती है | या फिर नाग बाम्बी के पास बैठ कर करें | घर में अगर करनी हो तो ऐसा कमरा होना चाहिए जिसमे आपके अलावा कोई और न जाए जब तक साधना में हों | मेरे अनुसार तो नदी किनारा सबसे उत्तम है |
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७. साधना शुरू करने से पहले एक जगह गौ गोबर से लीप लें। अगर मकान या फर्श पक्का है तो उसे अच्छी तरह धो कर शुद्ध कर लें और उस पर आसन लगायें और सामने एक बाजोट पर सफ़ेद वस्त्र बिछाकर गोगा जी का चित्र स्थापित करें ।
- चित्र का पूजन सफ़ेद कलियों से करें और एक फूलों का सेहरा चढ़ाएं, अगरबत्ती लगा दें, एक दिया गऊ के शुद्ध घी का लगा दें।
- एक लोटा दूध का मीठा मिलाकर पास रखें और जब मंत्र जाप पूरा हो जाये तो उसे नाग बाम्बी में डाल दें और कुछ सफ़ेद फूल चढ़ाकर नमस्कार करें।
८. इसके लिए भोग में दूध की बनी मिठाई रोज लें और पूजन कर भोग अर्पित करें |
९. नाग दर्शन होने पर डरें नहीं, वह कुछ नहीं कहेगा | जब पीर दर्शन हों तो उनसे प्रार्थना करें कि वह आप पर अपनी कृपा दृष्टि हमेशा रखें |
१०. साधना समय शाम 7 से 10 बजे का उत्तम है | अगर आप बाहर नदी किनारे कर रहे हैं तो शाम 4 बजे के बाद कभी भी शुरू कर सकते हैं |
११. निम्न मंत्र पढ़कर फूल लेकर गोगा जी के चित्र पर चढ़ाएं और जल हाथ में लेकर चारों और छिड़क दें, इससे रक्षा होगी | कुछ लोगों ने नित्य कर्म की साधना के बारे में पूछा, वो यह मंत्र रोज नित्य कर्म में भी कर सकते हैं | पर मेन साधना उसी तरीके से करनी है अगर पूर्ण लाभ चाहिए |
१२. इसे पूर्व दिशा की और करें, आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ हो |
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गोगा जाहर पीर साधना विधि एवं नियम रक्षा मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरु को जाहरापीर मददगीर रक्षा करनी अंग संग रहना आदेश गोगा जाहरपीर को आदेश गोरख साई को आदेश |
इसके बाद निम्न मंत्र की 5 माला जप करें |
गोगा जाहर पीर साधना मंत्र
धन धन गोगा मंडली धन धन गोगा सुलतान |
पर्वत धूड़ा धूमीया गोगा चढ़े जहान ||गोगे संधी कोठड़ी मली बिशियर नाग |
साधू चले वनखंडी आ करके रुख तमाम ||सारे हाथ निवामदें सीता के अहु राम |
दायें मोढ़े उपर कालका बायें है हनुमत ||माथे उपर नाहर सिंह तू नागो का सुल्तान |
फुरों मंत्र ईश्वरो वाचा ||आदेश आदेश आदेश गोगा जाहरपीर को आदेश |
यक्षिणी सिद्धि Yaksini Siddhi
Shani Dev and Hanuman
छड़ी का मंत्र
सत नमो आदेश , गुरूजी को आदेश, ॐ गुरूजी
जाहरवीर जाहरवीर सच्ची सरकार
अला बला को ले जा सात समंदर पार
नीला घोडा भगमा भेष , खब्बे पैर पदम् नाग
गल में विराजे भुरीया मस्तक शेषनाग
आओ आओ बाबा जाहर
गोरख गुरु की मन्न आन
तेरी छड़ी कौन विराजे
नारसिंह वीर गाजे
सावलसिंह वीर गाजे
किसके हुक्म से गाजे
गोरख गुरु के हुक्म से गाजे
ना गाजे तो चौथे किंगरे वाला ना कहायें
नारी बामणी का जाया ना कहायें
नागे गुरां की तेई झूठी हो जाये
गोरख गुरु का चेला ना कहायें
माता का पिया दूध हराम करे
जाग रे जाग
जाहरवीर को मन्न के जाग
गोरख गुरु को मन्न के जाग
नागे गुरु को मन्न के जाग
बहन श्याम्कौर को मन्न के जाग
माई मदानण को मन्न के जाग
गपुरी खेड़े को मन्न के जाग
हेमराज गधिले को मन्न के जाग
अस्त बली को मन्न के जाग
नौ नाथों को मन्न के जाग
चौरासी सिद्धों को मन्न के जाग
तेरे संग कौन चले
भैरों हनुमान रख्ता चले
माई कालका चले
माई मदानण चले
कुडडीया वीर चले
बावरी वीर चले
अनंत कोटि सिद्ध चले
मेरे चलाये ना चले
मेरे गुरु के चलाये चले
दादा गुरु के चलाये चले
गुरु गद्दी के चलाये चले
गुरु गोरखनाथ के चलाये चले
नाथ सिद्धों की तलवार
वीरों का वार
छड़ी ले जाये
अला बला को सात समुन्दर पार
इतना जाहर छड़ी जाप सम्पूर्ण सही
नाथ जी गुरुजी को आदेश आदेश
गोरा जाहर पीर की जो 41 दिवस की साधना है वह अगर नवरात्री में करे तो 9 दिन की साधना 41 दिवस की साधना के बराबर मानी जावेगी तथा सिद्धि में कोई अन्तर तो नहीं रहेगा। गोगा जाहर पीर के दर्शन भी हो जावेंगे
Guru ji ager नाग बाम्बी na milly to kya kary
Goto any Snake Hole
sarals sadhna vidhi bataye . snake hole are not found than what to do
Baba ki savari Ka mantra
guru g agr naag bmni na mile to kya karein
जय गुग्गा जहर वीर
Jay ho Goga chouhan
Jahaveer goga ka sevak Hu I want to tantra mantra yantra