ग्रह पीड़ा निवारक उपाय सूर्य १॰ सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पूष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए। २॰ रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उसे पीना चाहिए। ३॰ ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है। ४॰ लाल गाय को रविवार के दिन दोपहर के समय दोनों हाथों में गेहूँ भरकर खिलाने चाहिए। गेहूँ को जमीन पर नहीं डालना चाहिए। ५॰ किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए। ६॰ हाथ में मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधना चाहिए। ७॰ लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डालना चाहिए। सूर्य के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु रविवार का दिन, सूर्य के नक्षत्र (कृत्तिका, उत्तरा-फाल्गुनी तथा उत्तराषाढ़ा) तथा सूर्य की होरा में अधिक शुभ होते हैं। चन्द्रमा १॰ व्यक्ति को देर रात्रि तक नहीं जागना चाहिए। रात्रि के समय घूमने-फिरने तथा यात्रा से बचना चाहिए। २॰ रात्रि में ऐसे स्थान पर सोना चाहिए जहाँ पर चन्द्रमा की रोशनी आती हो। ३॰ ऐसे व्यक्ति के घर में दूषित जल का संग्रह नहीं होना चाहिए। ४॰ वर्षा का पानी काँच की बोतल में भरकर घर में रखना चाहिए। ५॰ वर्ष में एक बार किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान अवश्य करना चाहिए। ६॰ सोमवार के दिन मीठा दूध नहीं पूना चाहिए। ७॰ सफेद सुगंधित पुष्प वाले पौधे घर में लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए। चन्द्रमा के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु सोमवार का दिन, चन्द्रमा के नक्षत्र (रोहिणी, हस्त तथा श्रवण) तथा चन्द्रमा की होरा में अधिक शुभ होते हैं। मंगल १॰ लाल कपड़े में सौंफ बाँधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए। २॰ ऐसा व्यक्ति जब भी अपना घर बनवाये तो उसे घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाना चाहिए। ३॰ बन्धुजनों को मिष्ठान्न का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है। ४॰ लाल वस्त्र लिकर उसमें दो मुठ्ठी मसूर की दाल बाँधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए। ५॰ मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर लिकर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए। ६॰ बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए। ७॰ अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए। मंगल के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु मंगलवार का दिन, मंगल के नक्षत्र (मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा) तथा मंगल की होरा में अधिक शुभ होते हैं। बुध १॰ अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए तथा निरन्तर उसकी देखभाल करनी चाहिए। बुधवार के दिन तुलसी पत्र का सेवन करना चाहिए। २॰ बुधवार के दिन हरे रंग की चूड़ियाँ हिजड़े को दान करनी चाहिए। ३॰ हरी सब्जियाँ एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए। ४॰ बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर में मूँग के लड्डुओं का भोग लगाएँ तथा बच्चों को बाँटें। ५॰ घर में खंडित एवं फटी हुई धार्मिक पुस्तकें एवं ग्रंथ नहीं रखने चाहिए। ६॰ अपने घर में कंटीले पौधे, झाड़ियाँ एवं वृक्ष नहीं लगाने चाहिए। फलदार पौधे लगाने से बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है। ७॰ तोता पालने से भी बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है। बुध के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु बुधवार का दिन, बुध के नक्षत्र (आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) तथा बुध की होरा में अधिक शुभ होते हैं। गुरु १॰ ऐसे व्यक्ति को अपने माता-पिता, गुरुजन एवं अन्य पूजनीय व्यक्तियों के प्रति आदर भाव रखना चाहिए तथा महत्त्वपूर्ण समयों पर इनका चरण स्पर्श कर आशिर्वाद लेना चाहिए। २॰ सफेद चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर लेप को माथे पर लगाना चाहिए या टीका लगाना चाहिए। ३॰ ऐसे व्यक्ति को मन्दिर में या किसी धर्म स्थल पर निःशुल्क सेवा करनी चाहिए। ४॰ किसी भी मन्दिर या इबादत घर के सम्मुख से निकलने पर अपना सिर श्रद्धा से झुकाना चाहिए। ५॰ ऐसे व्यक्ति को परस्त्री / परपुरुष से संबंध नहीं रखने चाहिए। ६॰ गुरुवार के दिन मन्दिर में केले के पेड़ के सम्मुख गौघृत का दीपक जलाना चाहिए। ७॰ गुरुवार के दिन आटे के लोयी में चने की दाल, गुड़ एवं पीसी हल्दी डालकर गाय को खिलानी चाहिए। गुरु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु गुरुवार का दिन, गुरु के नक्षत्र (पुनर्वसु, विशाखा, पूर्व-भाद्रपद) तथा गुरु की होरा में अधिक शुभ होते हैं। शुक्र १॰ काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए। २॰ शुक्रवार के दिन सफेद गाय को आटा खिलाना चाहिए। ३॰ किसी काने व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान करना चाहिए। ४॰ किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय १० वर्ष से कम आयु की कन्या का चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेना चाहिए। ५॰ अपने घर में सफेद पत्थर लगवाना चाहिए। ६॰ किसी कन्या के विवाह में कन्यादान का अवसर मिले तो अवश्य स्वीकारना चाहिए। ७॰ शुक्रवार के दिन गौ-दुग्ध से स्नान करना चाहिए। शुक्र के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु शुक्रवार का दिन, शुक्र के नक्षत्र (भरणी, पूर्वा-फाल्गुनी, पुर्वाषाढ़ा) तथा शुक्र की होरा में अधिक शुभ होते हैं। शनि १॰ शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की जड़ पर तिल्ली के तेल का दीपक जलाएँ। २॰ शनिवार के दिन लोहे, चमड़े, लकड़ी की वस्तुएँ एवं किसी भी प्रकार का तेल नहीं खरीदना चाहिए। ३॰ शनिवार के दिन बाल एवं दाढ़ी-मूँछ नही कटवाने चाहिए। ४॰ भड्डरी को कड़वे तेल का दान करना चाहिए। ५॰ भिखारी को उड़द की दाल की कचोरी खिलानी चाहिए। ६॰ किसी दुःखी व्यक्ति के आँसू अपने हाथों से पोंछने चाहिए। ७॰ घर में काला पत्थर लगवाना चाहिए। शनि के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु शनिवार का दिन, शनि के नक्षत्र (पुष्य, अनुराधा, उत्तरा-भाद्रपद) तथा शनि की होरा में अधिक शुभ होते हैं। राहु १॰ ऐसे व्यक्ति को अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए। २॰ हाथी दाँत का लाकेट गले में धारण करना चाहिए। ३॰ अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए। सफेद चन्दन की माला भी धारण की जा सकती है। ४॰ जमादार को तम्बाकू का दान करना चाहिए। ५॰ दिन के संधिकाल में अर्थात् सूर्योदय या सूर्यास्त के समय कोई महत्त्वपूर्ण कार्य नही करना चाहिए। ६॰ यदि किसी अन्य व्यक्ति के पास रुपया अटक गया हो, तो प्रातःकाल पक्षियों को दाना चुगाना चाहिए। ७॰ झुठी कसम नही खानी चाहिए। राहु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु शनिवार का दिन, राहु के नक्षत्र (आर्द्रा, स्वाती, शतभिषा) तथा शनि की होरा में अधिक शुभ होते हैं। केतु १॰ भिखारी को दो रंग का कम्बल दान देना चाहिए। २॰ नारियल में मेवा भरकर भूमि में दबाना चाहिए। ३॰ बकरी को हरा चारा खिलाना चाहिए। ४॰ ऊँचाई से गिरते हुए जल में स्नान करना चाहिए। ५॰ घर में दो रंग का पत्थर लगवाना चाहिए। ६॰ चारपाई के नीचे कोई भारी पत्थर रखना चाहिए। ७॰ किसी पवित्र नदी या सरोवर का जल अपने घर में लाकर रखना चाहिए। केतु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु मंगलवार का दिन, केतु के नक्षत्र (अश्विनी, मघा तथा मूल) तथा मंगल की होरा में अधिक शुभ होते हैं।
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