• तुलसी के बीज को चूर्ण बनाकर दही के साथ खाने से खूनी बवासीर खत्म हो जाता है.
  • और तुलसी पत्ता मिला हुआ पानी पीने से कई बीमारियाँ ठीक हो जाती है और कई बीमारियाँ हमसे दूर रहती है.
  • मधु ( शहद ) में तुलसी की पत्तों का रस मिलाकर चाटने से चक्कर आना बंद हो जाता है.
  • तुलसी के कुछ पत्तों को सरसों तेल में भून लीजिए और फिर इसमें लहसुन का रस मिलाकर कान में डाल दीजिए.
    इससे कान के दर्द में आराम मिलेगा.
  • अगर आपको आँखों में जलन की समस्या है, तो आपको हर रात में काली तुलसी का अर्क 2 बूंद आँखों में डालना चाहिए.
  • आपको अक्सर सिर दर्द की समस्या रहती है, तो दवा खाने से बेहतर है कि आप तुलसी का काढ़ा पिएँ.
  • अगर आपके साँसों से दुर्गन्ध आती है, तो तुलसी की कुछ सूखी पत्तियों को सरसों तेल में मिलाकर मुँह
    धोने से आपकी समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी. यह उपाय पायरिया में भी उपयोगी है.
  • दाद, खुजली या त्वचा की इन्फेक्शन में तुलसी के अर्क को उस स्थान पर लगाने से फायदा पहुँचता है.
  • अगर आपके मुँह में संक्रमण हो गया हो, तो आपको हर दिन तुलसी के कुछ पत्ते चबाकर खाने चाहिए.
  • दिन में दो बार 10-12 तुलसी के पत्ते खाने से तनाव परेशान नहीं करता है.
  • जिन लोगों को दिल की बीमारी हो, उन्हें भी तुलसी पत्ते का नियमित सेवन करना चाहिए.
  • जिसके गुर्दे में पथरी हो गई हो, उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का लगातार सेवन करना चाहिए.
    छः महीने में असर दिखना शुरू हो जायेगा.
  • शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में लाभदायक है.