विधि
यह साधना आप किसी भी सोमवार शुरू कर सकते हैं |
आप किसी भी मंदिर अथवा घर में कर सकते हैं | इस के लिए आपको भगवान शिव का एक चित्र चाहिए और रुद्राक्ष की माला और मंदिर में करें तो शिव जी का पूजन कर शिवलिंग के पास बैठकर कर सकते हैं | इसे सुबह या शाम कभी भी किया जा सकता है | चित्र का पूजन धूप, दीप, नवेद, पुष्प, फल आदि से करें और घी का दीपक लगाएं | गुरु पूजन करें, फिर गणेश जी का पूजन करें और फिर शिव पूजन करें | इससे पहले चारों दिशाओं में “ॐ श्रीं ॐ” बोल कर जल छिड़क दें | इससे दिशा शोधन हो जाता है | फिर 5 बार प्राणायाम करें मतलब सांस लें और छोड़ दें ताकि आंतरिक शोधन हो जाए | फिर रुद्राक्ष माला से निम्न मंत्र की 21 माला करें | यह साधना आप शिवरात्रि से पहले कभी भी शुरू करें | 11 दिन पहले कर सकते हैं | इससे कम न करें | ज्यादा दिन हो फायदा ही है और शिवरात्रि तक करें | शिवरात्रि को 4 पहर की पुजा करें मतलब रात में 4 बार पूजा की जाती है और हर बार आपको 5 या 11 माला मंत्र जप करना है | सुबह आरती करें और अपने कार्य कर सकते हैं | वैसे भी इस मंत्र का जप ज्यादा से ज्यादा कर लेना चाहिए |
” ॐ हँस सोहं परम शिवाए नमः “