शशयोग, राजयोग, दीर्घ आयु योग, सूर्य योग, पशुधन योग, अपकीर्ति योग, बंधन योग, धन योग, जड़बुद्धि योग, कुष्ठ योग

शशयोग

अगर शनि देव केंद्र स्थानों में मकर, कुंभ (स्वराशि) में बैठें हो तो यह योग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला जातक नौकरों से अच्छी तरह काम लेता है, किसी संस्थान समूह या कस्बे का प्रमुख और राजा होता है।

राजयोग

अगर वृष लग्न में चंद्रमा हो, दशम में शनि हो, चतुर्थ में सूर्य तथा सप्तमेश गुरु हो तो यह योग बनता है। ऐसा जातक सेनापति/पुलिस कप्तान या विभाग का प्रमुख होता है।

दीर्घ आयु योग

लग्नेश, अष्टमेश, दशमेश व शनि केंद्र त्रिकोण या लाभ भाव में (11वां भाव) हो तो दीर्घ आयु योग होता है।

सूर्य योग

अगर सूर्य दशम भाव में हो और दशमेश तीसरे भाव में शनि के साथ बैठा है, तो यह योग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला जातक उच्च विचारों वाला और सामान्य आहार लेने वाला होता है। जातक सरकार से लाभान्वित, विज्ञान से ओतप्रोत, कमल के समान आंखों व चौड़ी छाती वाला होता है।

पशुधन योग

यदि चतुर्थ में शनि के साथ सूर्य तथा चंद्रमा नवम भाव में हो, एकादश स्थान में मंगल हो तो गाय भैंस आदि पशु धन का लाभ होता है।

अपकीर्ति योग

अगर दशम में सूर्य व शनि हो व अशुभ ग्रह युक्त या दृष्ट हो तो इस योग का निर्माण होता है। इस प्रकार के जातक की ख्याति नहीं होती वरन् वह कुख्यात होता है।

बंधन योग

अगर लग्नेश और षष्टेश केंद्र में बैठे हों और शनि या राहु से युति हो तो बंधन योग बनता है। इसमें जातक को कारावास काटना पड़ता है।

धन योग

लग्न से पंचम भाव में शनि अपनी स्वराशि में हो और बुध व मंगल ग्यारहवें भाव में हों तो यह योग निर्मित होता है। इस योग में जन्म लेने वाला जातक महाधनी होता है। अगर लग्न में पांचवे घर में शुक्र की राशि हो तथा शुक्र पांचवे या ग्यारहवें भाव में हो तो धन योग बनता है। ऐसा जातक अथाह संपत्ति का मालिक होता है।

जड़बुद्धि योग

अगर पंचमेश अशुभ ग्रह से दृष्ट हो या युति करता हो, शनि पंचम में हो तथा लग्नेश को शनि देखता हो तो इस योग का निर्माण होता है। इस योग में जन्म लेने वाले जातक की बुद्धि जड़ होती है।

कुष्ठ योग

यदि मंगल या बुध की राशि लग्न में हो अर्थात मेष, वृश्चिक, मिथुन, कन्या लग्न में हो एवं लग्नेश चंद्रमा के साथ हो, इनके साथ राहु एवं शनि भी हो तो कुष्ठ रोग होता है। षष्ठ स्थान में चंद्र, शनि हो तो 55वें वर्ष में कुष्ठ की संभावना रहती है।