पितृदोष और पितृशांति के लिए मंत्र

जब किसी भी व्यक्ति की कुंडली के नवम पर जब सूर्य और राहू की युति हो रही हो तो यह समझा जाता है कि उसके पितृ दोष योग बन रहा है | भारतीय संस्कृति में पुराणों और शास्त्रों के अनुसार सूर्य तथा राहू जिस भी भाव में बैठते है,  उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाते है|

इसी तरह ग्रहशांति या  सभी ग्रहों की शांति की लिए निचे लिखे इस मंत्र की 1008 आहुतियाँ देनी चाहिए |

In Hindi:-
“ओम् नमो भगवते वासुदेवाय”
In English:-

“Ohm Namo Bhagawate Vasudeway”

तथा 

पितृदोष निवारण पितृशांति के उपाय के लिए इस मंत्र को भी पितरों के चित्र के सम्मुख बैठकर श्रृद्धा और भक्ति के साथ हवन करे और इस मंत्र का जाप करे |
 
In Hindi:-

ऊँ श्री सर्व
पितृ दोष निवारणाय कलेशम् हं हं सुख शांतिम् देहि फट
स्वाहा: |

In English:-
 
Ohm Shree Sarva
Pitra Dosh Nivarnaay Kaleshm Han Han Sukh Shantim Dehi Fat
Svahaa: |

नक्षत्र (ज्योतिषीय सिद्धान्त)

बगलामुखी शाबर मंत्र साधना