लौन्कडिया वीर साधना
लौन्कडिया वीर महापण्डित रावण जी की एक विशेष सेना के सेनापति थे उन्हें माँ जगदम्बा कावरदान था और माँ जगदम्बा की कृपा से लौन्कडिया वीर तंत्र में अमर हो गए
।। मन्त्र ।।
लौन्कडिया वीर भागे भागे आओदौड़े दौड़े आओ, जैसे दुर्गा द्वारे कूदे
वैसे मेरे द्वारे कूदो
रावण जी के सेनापति पाताल के राजा
देखा लौन्कडिया वीर तेरी हजारी का तमाशा
लौन्कडिया वीर साधना साधना विधि
इस साधना को आप किसी भी दिन से शुरू कर सकते है आसन पर बैठकर आसन जाप पढ़े औरशरीर कीलन कर रक्षा घेरा बनाये एक तेल का दीपक जलाएं और गुरुदेव से आज्ञा लेकर गुरुमंत्र जपेऔर गणेश जी का पूजन करे , फिर इस मन्त्र का 15 माला जाप करे यह क्रिया आपको 41 दिन करनी है हररोज दूध में जलेबी उबालकर पूजा के समय पास रखले और बाद में उजाड़ स्थान पर रख आये अंतिम दिन किसी ११ साल के लड़के को एक गुली डंडा और दक्षिणा दे