बृहस्पति महादशा में अंतर्दशा का फल

केतु-यदि बृहस्पति महादशा में शुभ केतु की उपदशा चले तो जातक को दूसरे लोगों से सुख और धन मिलता है

बुघ-यदि बुध पापरहित, बलवान एवं शुभ स्थानस्थ हो तो बृहस्पति महादशा और अपनी अन्तर्दशा में जातक को शनि अन्तर्दशा में मिले कष्टों से छुटकारा दिला देता है और जातक सुख रहता है ।

बृहस्पति-यदि बृहस्पति उच्च राशि, स्वराशि आदि में केन्द्र या त्रिकोनास्थ होकर शुभ ग्रहों से युक्त अथवा दृष्ट हो तो अपनी महादशा में अपनी अन्तर्दशा के समय जातक को अतीव शुभ पाल देता है ।

सूर्य-सूर्य उच्चादि राशि मे, वर्ग बलि, शुभ प्रभावी हो तो अपनी अन्तर्दशा में जातक को राज्यसम्मान और वैभव की प्राप्ति कराता है ।

मंगल-बलवान और शुभ मंगल की अन्तर्दशा में जातक में रजोगुण की प्रधानता रहती है। वह परम साहसी हो जाता है । साहस-भरे कार्यों में स्वनीति और विवेक से सफलता प्राप्त करता है । सैन्य और पुलिसकर्मी तथा वैज्ञानिक इस काल में विशेष उन्नति करते है ।

Somvati Amavasya 2018