Buddha Purnima 2018: Sidhi Yoga Will Bring Wealth And Prosperity
पूर्णिमा के समारोह व पूजा विधि
- श्रीलंकाई इस दिन को ‘वेसाक’ उत्सव के रूप में मनाते हैं जो ‘वैशाख’ शब्द का अपभ्रंश है.
- इस दिन बौद्ध घरों में दीपक जलाए जाते हैं और फूलों से घरों को सजाया जाता है.
- दुनियाभर से बौद्ध धर्म के अनुयायी बोधगया आते हैं और प्रार्थनाएँ करते हैं.
- बौद्ध धर्म के धर्मग्रंथों का निरंतर पाठ किया जाता है.
- मंदिरों व घरों में अगरबत्ती लगाई जाती है. मूर्ति पर फल-फूल चढ़ाए जाते हैं और दीपक जलाकर पूजा की जाती है.
- बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है. उसकी शाखाओं पर हार व रंगीन पताकाएं सजाई जाती हैं. जड़ों में दूध व सुगंधित पानी डाला जाता है. वृक्ष के आसपास दीपक जलाए जाते हैं.
- इस दिन मांसाहार का परहेज होता है क्योंकि बुद्ध पशु हिंसा के विरोधी थे.
- इस दिन किए गए अच्छे कार्यों से पुण्य की प्राप्ति होती है.
- पक्षियों को पिंजरे से मुक्त कर खुले आकाश में छोड़ा जाता है.
- गरीबों को भोजन व वस्त्र दिए जाते हैं.
- दिल्ली संग्रहालय इस दिन बुद्ध की अस्थियों को बाहर निकालता है जिससे कि बौद्ध धर्मावलंबी वहां आकर प्रार्थना कर सकें.
- वर्ष 2018 में बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती 30 अप्रैल को है. इस दिन गौतम बुद्ध की 2580वीं जयंती मनाई जाएगी.
महात्मा बुद्ध जी का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण ये तीनों एक ही दिन अर्थात वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुए थे. बौद्ध धर्म के अनुयायी बुद्ध पूर्णिमा को सम्पूर्ण विश्व में बहुत धूमधाम से मनाते हैं. हिंदु धर्मावलंबियों के लिए बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार हैं. अतः हिंदुओं के लिए भी यह दिन पवित्र माना जाता है.
आर्य सत्य
दुःख की समाप्ति के लिए मनुष्य को सदमार्ग से परिचित होना चाहिए जिसे महात्मा बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग कहा है जिसमें उन्होंने आठ बातों को सम्मिलित किया है
1. सम्यकदृष्टि, 2. सम्यकसंकल्प, 3. सम्यकवाक, 4. सम्यककर्म, 5. सम्यकआजीव, 6. सम्यकव्यायाम. 7. सम्यकस्मृति 8. सम्यकसमाधि