Shani Mantra, How to Please God Shani Dev
ध्यानम् ।
दोर्भिर्धनुर्द्विशिखचर्मधरं त्रिशूलं भास्वत्किरीटमुकुटोज्ज्वलितेन्द्रनीलम् । नीलातपत्रकुसुमादिसुगन्धभूषं देवं भजे रविसुतं प्रणतोऽस्मि नित्यम्
॥ ॐ नमो भगवते शनैश्चराय मन्दगतये सूर्यपुत्राय महाकालाग्नि- सदृशाय क्रूर (कृश) देहाय गृध्रासनाय नीलरूपाय चतुर्भुजाय त्रिनेत्राय नीलाम्बरधराय नीलमालाविभूषिताय धनुराकारमण्डले प्रतिष्ठिताय काश्यपगोत्रात्मजाय माणिक्यमुक्ताभरणाय छायापुत्राय सकलमहारौद्राय सकलजगत्भयङ्कराय पङ्कुपादाय क्रूररूपाय देवासुरभयङ्कराय सौरये कृष्णवर्णाय स्थूलरोमाय अधोमुखाय नीलभद्रासनाय नीलवर्णरथारूडाय त्रिशूलधराय सर्वजनभयङ्कराय मन्दाय दं, शं, नं, मं, हुं, रक्ष रक्ष, मम शत्रून्नाशय, सर्वपीडा नाशय नाशय, विषमस्थशनैश्चरान् सुप्रीणय सुप्रीणय, सर्वज्वरान् शमय शमय, समस्तव्याधीनामोचय मोचय विमोचय, मां रक्ष रक्ष, समस्त दुष्टग्रहान् भक्षय भक्ष्य, भ्रामय भ्रामय, त्रासय त्र्रासय, बन्धय बन्धय, उन्मादयोन्मादय, दीपय दीपय, तापय तापय, सर्वविघ्नान् छिन्धि छिन्धि, डाकिनीशाकिनीभूतवेतालयक्षरक्षोगन्धर्वग्रहान् ग्रासय ग्रासय, भक्षय भक्षय, दह दह, पच पच, हन हन, विदारय विदारय, शत्रून् नाशय नाशय, सर्वपीडा नाशय नाशय, विषमस्थशनैश्चरान् सुप्रीईणय सुप्रीणय, सर्वज्वरान् शमय शमय, समस्तव्याधीन् विमोचय विमोचय, ॐ शं नं मं ह्रां फं हुं, शनैश्चराय नीलाभ्रवर्णाय नीलमेखलय सौरये नमः ॥