Shree Shani Samhita श्री शनि संहिता Shani dev book in Hindi
About the Book Shree Shani Samhita, Shani Sanhita
shani dev book in hindi
The purpose of presenting the “Shree Shani Samhita” to all of you is that you can understand all about Shani Dev (Shani Dev Book) and understand them and get his special blessings.
Shani is a Sanskrit word. ‘Shaniya Kamati Sah’, which means ‘very slow’.
Although the speed of Shani is slow Shani Dev is considered to be a very gentle deity. Shani Dev is very powerful because of being Son of the God Sun, Shani Dev is most powerful and fast among all God. All troubles caused by Shani dev can be solved through “Shree Shani Samhita”, and how can the special blessing of Shani Dev be attained. How can worship of Saturn be worshiped, and how can Saturn be worshiped, what is the Pujan related to Shani Dev, the knowledge of all those can be achieved through the Shree Shani Samhita. Can make a new path and can become a beloved of Shani, but after keeping the rules and ideals in mind, after keeping the rules and ideals in mind. Shree Shani Samhita will help you to provide Shani Tantra, Sadhna, Worship, Shabar Mantra (Shani Dev Book) .
शनि संहिता
शनि संहिता को आप सभी के समक्ष प्रस्तुत करने का उद्देश्य यह है कि आप सभी शनि देव के विषय में भली प्रकार समझ पाएं और उनके बारे में समझ कर उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर सकें । शनि एक संस्कृत शब्द है । शनये कमति सः जिसका अर्थ है अत्यन्त धीमा। जिस कारण शनि की गति बहुत धीमी है। शनि की गति भले ही धीमी हो पर शनि देव को बहुत ही सौम्य देव माना जाता है। शनि देव सूर्य देव के पुत्र होने के कारण बहुत ही शक्तिशाली हैं, जिस कारण शनि देव का तेज़ और शक्ति भी देवताओ में सर्वमान्य है। शनि देव अत्यधिक क्रोधी एवं दयालु हैं। जिस कारण मानवों और देवताओ में शनि देव का डर व्याप्त है।
भगवान शनि देव
भगवान शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है, क्योंकि शनि देव पाप करने वालों को और अन्याय करने वालों को अपनी दशा या अंतर दशा में दण्डित करते हैं। शनि देव ऐसा इसलिए करते हैं ताकि वह प्रकृति के नियम को बनाए रखें और प्रकृति का संतुलन बना रहे। एक प्रकार से शनि देव संतुलन बनाने का कार्य करते हैं ताकि अन्याय को समाप्त कर जीवों और देवताओं को न्याय दिला सकें। शनि देव के बारे में कुछ भ्रांतियां हैं। जिस कारण शनि देव को शुभ नहीं माना जाता है जोकि नितांत उचित नहीं है।
शनि देव पाप और अन्याय करने वालों को भिखारी तक बन सकते है। ताकि बुरा कर्म करने से पूर्व जीवों में भय हो और किसी पर अन्याय न हो सकें। जो कोई भी पाप के मार्ग पर चलता है भगवान शनि देव उसको कहीं भी दण्ड दें सकते हैं, चाहे वह भू–लोक हो या पाताल हो। कहा जाता है कि शनि देव के गुरु देव आदि देव महादेव हैं। महादेव ने ही शनि देव को न्यायाधीश बनाया। इसलिए शनि देव को सर्वोच्च न्यायाधीश माना जाता हैं।
About the Author Shree Shani Samhita, Shani Sanhita (Shani Dev Book)
Guru Gaurav Arya was born in Uttar Pradesh in 1992, After the Completion of Degree in Mechanical Engineering from Uttar Pradesh Technical University; He is Researching in Astrology and Supernatural System.
Awards
In 2017 He was award “Jyotish Shree” at Uttrakhand.
In 2018 He was award “Jyotish Vibhushan” at Uttrakhand.
He Gives Deeksha to their Pupils in every auspicious Day, for Blessings of Goddess Apsara, Bagalamukhi, Bhairav, Shani, Mahakali.
About Guru Gaurav Arya
Website www.astrologergauravarya.com
Email- [email protected]
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