बुद्ध पूर्णिमा 2019
पूरी दुनिया महात्मा बुद्ध को सत्य की खोज के लिये जाना जाता है। राजसी ठाठ बाट छोड़कर सिद्धार्थ सात सालों तक सच को जानने के लिये वन में भटकते रहते हैं। उसे पाने के लिये कठोर तपस्या करते हैं और सत्य को खोज निकालते हैं। फिर उस संदेश को पूरी दुनिया तक ले जाते हैं। सबको मानवता का पाठ पढ़ाते हैं, सृष्टि को समझने की एक नई नज़र पैदा करते हैं। दु:खों का कारण और निवारण बताते हैं।
भगवान बुद्ध के जन्म, बुद्धत्व की प्राप्ति व महापरिनिर्वाण का दिन
ऐसी महान आत्मा जिन्हें आज भगवान बुद्ध कहा जाता है का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ। इसी कारण वैशाख मास की इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। लेकिन बुद्ध पूर्णिमा का संबंध बुद्ध के साथ केवल जन्म भर का नहीं है बल्कि इसी पूर्णिमा तिथि को वर्षों वन में भटकने व कठोर तपस्या करने के पश्चात बोधगया में बोधिवृक्ष नीचे बुद्ध को सत्य का ज्ञान हुआ। कह सकते हैं उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति भी वैशाख पूर्णिमा को हुई। इसके पश्चात महात्मा बुद्ध ने अपने ज्ञान के प्रकाश से पूरी दुनिया में एक नई रोशनी पैदा की और वैशाख पूर्णिमा के दिन ही कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ। कुल मिलाकर जन्म, सत्य का ज्ञान और महापरिनिर्वाण के लिये भगवान गौतम बुद्ध को एक ही दिन हुआ। वैशाख पूर्णिमा के दिन।
स्नान का महत्त्व
हिंदुओं में हर महीने की पूर्णिमा विष्णु भगवान को समर्पित होती है. इस दिन तीर्थ स्थलों में गंगा स्नान का लाभदायक और पाप नाशक माना जाता है. लेकिन वैशाख पूर्णिमा का अपना-अलग ही महत्व है. इसका कारण यह बताया जाता है कि इस माह होने वाली पूर्णिमा को सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में होता है. इतना ही नहीं चांद भी अपनी उच्च राशि तुला में होता है. कहते हैं कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन लिया स्नान कई जन्मों के पापों का नाश करता
बुद्ध पूर्णिमा 2019
18 मई
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 04:10 (18 मई 2019)
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 02:41 (19 मई 2019