सर्वप्रथम गणेश का ही पूजन क्यों ?

सर्वप्रथम गणेश का ही पूजन क्यों ?  हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य का आरम्भ करने के पूर्व गणेश जी की पूजा करना आवश्यक माना गया है, क्योंकि उन्हें विघ्नहर्ता व ऋद्धि-सिद्धि का स्वामी कहा जाता है। इनके स्मरण, ध्यान, जप, आराधना से कामनाओं की पूर्ति होती है व विघ्नों का...

तुलसी विवाह (Tulsi Vivah )

* शाम के समय सारा परिवार इसी तरह तैयार हो जैसे विवाह समारोह के लिए होते हैं। * तुलसी का पौधा एक पटिये पर आंगन, छत या पूजा घर में बिलकुल बीच में रखें।  * तुलसी के गमले के ऊपर गन्ने का मंडप सजाएं। * तुलसी देवी पर समस्त सुहाग सामग्री के साथ लाल चुनरी चढ़ाएं। * गमले में...

केतु का यन्त्र-मन्त्रादि

९. केतु का यन्त्र-मन्त्रादि                                            मनुखेचर-भूपातिथि-विश्व-शिवा       दिग्सप्तादशसूर्यमिता।                                                  क्रमतो  विलिखेन्नवकोष्ठमिते  परिधार्य नरा दु:खनाशकरा:।।       पुराणोक्त केतु मन्त्र   ह्रीं...
सूर्य साधना Surya Sadhna

सूर्य साधना Surya Sadhna

सूर्य साधना Surya Sadhna अथ सूर्य साधना सूर्य साधना सूर्य साधना आस्था और अध्यात्म पर बहुत ही सरल तरीके से दी जा रही है |इस साधना की दीक्षा लेकर सूर्य देव की साधना की जाये तो मानव उच्च स्थान को पता है अगर आपकी कुंडली में सूर्य देव नीच अवस्था में है और लाभकारी नही है...

दीक्षा-विचार (Deeksha Vichar)

तत:-  सद्गुरोराहिता   दीक्षा  सर्वकर्माणि  साधयेत्।   दीक्षा-विचार (Deeksha Vichar)  दीक्षा-विचार दीक्षा-विचार-  दीक्षा के बिना मन्त्रजप दूषित होता है। दीक्षा से दिव्य ज्ञान का लाभ और पापों का नाश होता है। इसी से इसका नाम दीक्षा है;  क्योकि जप-तप आदि का मूल दीक्षा ही...

दीपावली ‍विशेष : लक्ष्मी पूजन (Diwali Special Pujan Vidhi)

दीपावली ‍विशेष : लक्ष्मी पूजन (Diwali Special Pujan Vidhi) लक्ष्मी पूजा और प्रदोष काल लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है| और लगभग २ घण्टे कुछ मिनट तक रहता है। कुछ स्त्रोत लक्ष्मी पूजा को करने के लिए...