गरुड़ पुराण अध्याय 2

गरुड़ पुराण अध्याय 2 गरुड़ उवाच  गरुड़ जी ने कहा – हे केशव ! यमलोक का मार्ग किस प्रकार दु:खदायी होता है। पापी लोग वहाँ किस प्रकार जाते हैं, वह मुझे बताइये। श्रीभगवानुवाच  श्री भगवान बोले – हे गरुड़ ! महान दुख प्रदान करने वाले यममार्ग के विषय में मैं तुमसे कहता हूँ,...

Guru Shishya Katha

Guru Shishya Katha चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्या चाणक्य को एक योग्य शिष्य की तलाश थी , उनको घनानंद के दुशाशन का अन्त करना था .खोज में उनका परिचय चंद्रगुप्त से हुआ . चाणक्य उसकी चतुराई पर बहुत चकित थे . चंद्रगुप्त को चाणक्य ने अपना शिष्य स्वीकार कर लिया . चंद्रगुप्त के...

The Final Instructions of Grandfather Bhishma

The Final Instructions of Grandfather Bhishma Maharaja Yudhisthira Maharaja Yudhisthira then began to rule the kingdom under the direction of thetwice born brahmanas. After the coronation ceremony had been completed, KingYudhisthira approached Lord Krishna and offered...