Shri Garuda Kavacham in Sanskrit

Shri Garuda Kavacham in Sanskrit

Shri Garuda Kavacham in Sanskrit अथ गरुडकवचम् । हरिः ॐ । अस्य श्रीगरुडकवचस्तोत्रमन्त्रस्य नारद भगवान् ऋषिः वैनतेयो देवता अनुष्टुप्छन्दः श्रीवैनतेयप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः । ॐ शिरो मे गरुडः पातु ललाटे विनितासुतः । नेत्रे तु सर्पहा पातु कर्णौ पातु सुराहतः ॥ १॥ नासिकां...

Durga Mata Aarti

Durga Mata Aarti जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ टेक ॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्जवल से दो‌उ नैना, चन्द्रबदन नीको ॥ जय  कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्त पुष्प गलमाला, कण्ठन पर साजै ॥ जय केहरि वाहन राजत,...

श्री शनि चालीसा

श्री शनि चालीसा ॥दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥ ॥चौपाई॥ जयति जयति शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥ चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।...

Shri Rudrayamala Tantrokta Kalika Kavacham

Shri Rudrayamala Tantrokta Kalika Kavacham विनियोग ॐ अस्य श्री कालिका कवचस्य भैरव ऋषिः, अनुष्टुप छंदः, श्री कालिका देवता, शत्रुसंहारार्थ जपे विनियोगः । ध्यानम् ध्यायेत् कालीं महामायां त्रिनेत्रां बहुरूपिणीं। चतुर्भुजां ललज्जिह्वां पूर्णचन्द्रनिभाननां।।...

सुरसुन्दरी यक्षिणी Sur Sundari Yaksini

सुरसुन्दरी यक्षिणी Sur Sundari Yaksini ।।।मंत्र।।। ।।औम् ह्रीं आगच्छ सुरसुन्दरी स्वाहा।। यक्षिणी साधनाओं की विशेषता है कि एक तो यह जल्दी सिद्ध होती हैं दूसरा ज्यादातर यक्षिणी प्रत्यक्ष दर्शन देती हैं |  साधना को एकांत में करना है साधना के समय दीप तेल का जलता रहेगा...

ग्रहों के बल और उनकी अवस्था

ग्रहों के बल और उनकी अवस्था ग्रहों का बल ६(छ:) प्रकार का होता है स्थान बल दिग्बल अथवा दिशा बल काल बल अथवा समय बल नैसर्गिक बल चेष्टा बल द्रग्बल अथवा द्रष्टि बल स्थान बल व्यक्ति की कुंडली में उच्च राशि में मूल त्रिकोण में, स्वग्रही तथा मित्र राशि में स्थित गृह को स्थान...