Kirit Shakti Peeth
किरीट शक्तिपीठ
किरीट शक्तिपीठ Kirit Shakti Peeth , पश्चिम बंगाल के हुगली नदी के तट लालबाग कोट पर स्थित है। यहां सती माता का किरीट यानी शिराभूषण या मुकुट गिरा था। यहां की शक्ति विमला अथवा भुवनेश्वरी तथा भैरव संवर्त हैं। (शक्ति का मतलब माता का वह रूप जिसकी पूजा की जाती है तथा भैरव का मतलब शिवजी का वह अवतार जो माता के इस रूप के स्वांगी है )’

Maa Kiriteshwari
यह स्थान मुकुट के लिए जाता जाता है। दरअसल जब माता सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ को भंग कर स्वयं अपनी आहूति दे दी तब भगवान शंकर शोक में डूब गए और वे माता सती का शव यहां वहां लेकर घूमने लगे। ऐसे में सृष्टि चक्र प्रभावित होने लगा। शोक में डूबे शिव को सहज करने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती माता के विभिन्न अंगों को 51 टुकड़ों में बांट दिया। जिसके बाद माता सती के ये अंग विभिन्न भागों में विभक्त होकर धरती पर गिरे। जहां भी माता के अंग गिरे वहां – वहां दीव्य शक्ति जागृत हो गई। दूसरी ओर इन शक्ति स्थलों को शक्ति पीठ के तौर पर जाना गया। माता सती के इस स्थल को किरीट शक्तिपीठ कहा जाता है दरअसल यहां मां का मस्तक आया था। यह शक्ति का बेहद जागृत केंद्र है। माता को यहां भुवनेश्वरी माता कहा जाता है। यहां श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है।