Shani Triyodashi, Shani Pradosh Vrat 2018
shani pradosh vrat dates
14 | January | (Sunday) | Pradosh Vrat (K) | 17:41 to 20:24 |
29 | January | (Monday) | Soma Pradosh Vrat (S) | 17:53 to 20:33 |
13 | February | (Tuesday) | Bhauma Pradosh Vrat (K) | 18:05 to 20:41 |
27 | February | (Tuesday) | Bhauma Pradosh Vrat (S) | 18:15 to 20:46 |
14 | March | (Wednesday) | Pradosh Vrat (K) | 18:24 to 20:50 |
29 | March | (Thursday) | Pradosh Vrat (S) | 18:33 to 20:54 |
13 | April | (Friday) | Pradosh Vrat (K) | 18:41 to 20:57 |
27 | April | (Friday) | Pradosh Vrat (S) | 18:49 to 21:01 |
13 | May | (Sunday) | Pradosh Vrat (K) | 18:59 to 21:06 |
26 | May | (Saturday) | Shani Pradosh Vrat (S) | 19:07 to 21:11 |
11 | June | (Monday) | Soma Pradosh Vrat (K) | 19:14 to 21:17 |
25 | June | (Monday) | Soma Pradosh Vrat (S) | 19:18 to 21:20 |
10 | July | (Tuesday) | Bhauma Pradosh Vrat (K) | 19:18 to 21:21 |
24 | July | (Tuesday) | Bhauma Pradosh Vrat (S) | 19:12 to 21:18 |
09 | August | (Thursday) | Pradosh Vrat (K) | 19:02 to 21:11 |
23 | August | (Thursday) | Pradosh Vrat (S) | 18:48 to 21:02 |
07 | September | (Friday) | Pradosh Vrat (K) | 18:32 to 20:50 |
22 | September | (Saturday) | Shani Pradosh Vrat (S) | 18:14 to 20:38 |
06 | October | (Saturday) | Shani Pradosh Vrat (K) | 17:57 to 20:26 |
22 | October | (Monday) | Soma Pradosh Vrat (S) | 17:40 to 20:14 |
05 | November | (Monday) | Soma Pradosh Vrat (K) | 17:29 to 20:07 |
20 | November | (Tuesday) | Bhauma Pradosh Vrat (S) | 17:21 to 20:03 |
04 | December | (Tuesday) | Bhauma Pradosh Vrat (K) | 17:19 to 20:04 |
20 | December | (Thursday) | Pradosh Vrat (S) | 17:24 to 20:09 |
शनि प्रदोष व्रत करने से शनि देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है|शनि कथा और शनि पूजन करना चाहिए उसकी विधि इस प्रकार से है
शनि पूजन
काले तिल
काले वस्त्र
देव को दही से स्नान
देव का धुप दीप समर्पण
आरती
संकल्प
शनि को गुड़ या मीठे का भोग
शनि प्रदोष व्रत कैसे करे
व्रत करने हेतु सुबह उठ कर स्नान आदि करे और किसी भी शनि मंदिर में जाकर शनि की शिला या पीपल के वृक्ष को स्नान आदि कराये और शनि संहिता के अनुसार मंत्र जाप करे |
शनि देव को काले वस्त्र अर्पित करे शनि को दही से स्नान कराये गंगा जल से स्नान कराये और शनि चालीसा और शनि आरती करे
शाम के समय में काले उड़द की दाल की खिचड़ी बनाये और उसमे नमक न डाले और शनि देव को भोग लगा कर कुत्ते को भी दे और फिर दही से साथ भोजन करे और शाम के बाद शनि देव का ध्यान आदि करे और शनि से अपने कष्टो के लिए क्षमा मांगे शनि देव को प्रणाम करे शनि देव की स्तुति आदि करे शनि के भजन आदि करे|
शनि प्रदोष व्रत कथा Shani Pradosh Vrat Katha
प्राचीन समय में किसी नगर में एक सेठ रहता था वह धर्म कर्म का पालन करने वाला तथा दान पुन्य़ करने वाला व्यक्ति था सभी उसका सम्मान किया करते थे सब कुछ होने के बावजूद वह दुखी ही रहता था क्योंकि उसके कोई संतान नहीं थी. अपनी व्यथा से परेशान दोनो पति -पत्नी तीर्थयात्रा पर जाने का निश्चय करते हैं. इस यात्रा के दौरान उनकी भेंट तपस्वी साधू से होती है. सेठ की भक्ति से प्रभावित हो साधु संतान प्राप्ति हेतु उन्हें शनि प्रदोष व्रत के विषय में बताते हैं, तीर्थयात्रा के बाद पति-पत्नी वापस घर लौट कर नियमपूर्वक शनि प्रदोष व्रत करते हैं व्रत के फल स्वरुप सेठ दंपति को संतान की प्राप्ति होती है