Ganesh Chauth 2018
गणेश चतुर्थी पूजन सरल विधि
*गणेश चतुर्थी गणेश जी का जन्म दिन है। गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था।*
गणेश जी बुद्धि, सौभाग्य, समृद्धि, ऋद्धि सिद्धि देने वाले तथा विघ्नहर्ता यानि संकट दूर करने वाले माने जाते है । विनायक, गजानन, लम्बोदर, गणपति आदि सब गणेश जी के ही नाम है।
सफलता या लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सम्पूर्ण ज्ञान हासिल करना, अपनी त्वरित बुद्धि से विवेकपूर्ण निर्णय करना, लगातार मेहनत और प्रयास करते रहना, जरुरी होते है । इसी वजह से गणेश जी को सबसे पहले पूजा जाता है।
ग्यारवें दिन किसी जलाशय, नदी या समुद्र में मूर्ती को विसर्जित किया जाता है। गाजे बाजे के साथ नाचते गाते लोग गणेश विसर्जन में हिस्सा लेते है। हर तरफ “गणपति बाप्पा मोर्या” जैसे शब्द गूंजते नजर आते है।
*गणेश चतुर्थी के एक दिन पहले कई जगह मंदिरों में सिंजारा मनाया जाता है जिसमे गणेश जी को मेहंदी अर्पित की जाती है।* महिलाएं भजन गाती है। प्रसाद आदि वितरित किये जाते है।
*इस दिन चाँद को देखना अशुभ माना जाता है। कहते है चाँद को गणेश जी का श्राप लगा हुआ है। इस दिन चाँद को देखने से झूठा कलंक लग सकता है।*
*भगवान श्री कृष्ण को भी चाँद देखने पर मणि चोरी के झूठे कलंक का सामना करना पड़ा था। ये धार्मिक मान्यताएं है।*
*गणेश जी का पूजन करने की सामग्री:–*
१. चौकी या पाटा
२. जल कलश
३. लाल कपड़ा
४. पंचामृत
५. रोली, मोली, लाल चन्दन
६. जनेऊ
७. गंगाजल
८. सिन्दूर
९. चांदी का वर्क
१०. लाल फूल या माला
११. इत्र
१२. मोदक या लडडू
१३. धानी
१४. सुपारी
१५ लौंग
१६. इलायची
१७. नारियल
१८. फल
१९. दूर्वा – दूब
२०. पंचमेवा
२१. घी का दीपक
२२. धूप, अगरबत्ती
२३. कपूर
Ganesh Chauth 2018 Pujan VIdhi
गणेश पूजन की विधि
सुबह नहा धोकर *शुद्ध लाल रंग के कपड़े पहने। गणेश जी को लाल रंग प्रिय है।*
*पूजा करते समय आपका मुँह पूर्व दिशा में या उत्तर दिशा में होना चाहिए।*
१. सबसे पहले गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराएं ।
२. उसके बाद गंगा जल से स्नान कराएं ।
३. गणेश जी को चौकी पर लाल कपड़े पर बिठाएं।
४. ऋद्धि सिद्धि के रूप में दो सुपारी रखें।
५. गणेश जी को *सिन्दूर लगाकर चांदी का वर्क लगाएं।*
६. लाल चन्दन का टीका लगाएं।
७. अक्षत (चावल) लगाएं।
८. *मौली और जनेऊ* अर्पित करें।
९. लाल रंग के पुष्प या माला आदि अर्पित करें।
१०. इत्र अर्पित करें।
११. दूर्वा अर्पित करें।
१२. नारियल चढ़ाएं।
१३. पंचमेवा चढ़ाए।
१४. फल अर्पित करेँ।
१५. मोदक और लडडू आदि का भोग लगाएं।
१६. लौंग इलायची अर्पित करें।
१७. दीपक, अगरबत्ती, धूप आदि जलाएं।
१८. गणेश मन्त्र उच्चारित करें:–
*ऊँ वक्रतुण्ड़ महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ।।*
१९. कपूर जलाकर आरती करें। गणेश जी की आरती गाएँ।
जय गणेशाय नमः