बुद्ध रत्न : पन्ना – Emerald (परिचय)
बुद्ध ग्रह नवमेश के साथ प्रबल राजयोग देता है |
पंचम भाव मे हो तो गणितज्ञ बनाता है | धन भाव में हो तो कुशल वक्ता बनाता है |
वकीलों की कुण्डली में बुद्ध ग्रह ही उनका भाग्य तय करता है | नेताओं का दिशा निर्धारण भी बुद्ध ग्रह ही करता है , बोलने की कला भी यही ग्रह देता है |
पन्ने का वर्ग Beryl variety
रासायनिक सूत्र Beryllium aluminium silicate with chromium, Be3Al2(SiO3)6::Cr
पहचान : वर्ण Green हल्का या गहरा पारदर्शी
क्रिस्टल हैबिट Hexagonal Crystals
क्रिस्टल प्रणाली Hexagonal
क्लीवेज Poor Basal Cleavage (Seldom Visible)
फ्रैक्चर Conchoidal
मोह्ज़ स्केल सख्तता 7.5–8.0
चमक Vitreous
रिफ्रैक्टिव इंडेक्स 1.576–1.582
प्लेओक्रोइज्म़ Distinct, Blue-Green/Yellow-Green
स्ट्रीक White
स्पैसिफिक ग्रैविटी 2.70–2.78
पन्ना, बेरिल (Be3Al2(SiO3)6) नामक खनिज का एक प्रकार है जो हरे रंग का होता है और जिसे क्रोमियम और कभी-कभी वैनेडियम की मात्रा से पहचाना जाता है।खनिज की कठोरता मापने वाले 10 अंकीय मोहस पैमाने पर बेरिल की कठोरता 7.5 से 8 तक होती है। अधिकांश पन्ने बहुत अधिक अंतर्विष्ट होते हैं, इसलिए उनकी मजबूती (टूटने की प्रतिरोधक क्षमता) का वर्गीकरण आम तौर पर निम्न कोटि के रूप में किया जाता है। शब्द “एमरल्ड” या पन्ना) का आगमन (पुरातन मध्यकालीन (“हरित मणि”) के माध्यम से इसको वोला जाता है सभी रंगीन रत्नों की तरह पन्नों को भी चार आधारभूत मानकों का प्रयोग करके वर्गीकृत किया जाता है, जिन्हें परख के चार C कहते हैं, जो इस प्रकार है; Color (रंग), Cut (कटाई), Clarity और Crystal (स्फ़टिक) . अंतिम C, स्फ़टिक को केवल एक पर्याय के रूप में प्रयोग किया जाता है जो पारदर्शिता के लिए C से शुरू होता है या जिसे रत्न-वैज्ञानिक पारदृश्यता कहते हैं।
20वीं सदी से पहले जौहरी दो गुणवत्ता, रंग और स्फ़टिक के संयोजन को व्यक्त करने के लिए जल शब्द, जैसे – “बेहतरीन जल का रत्न का प्रयोग करते थे। आम तौर पर, रंगीन रत्नों के वर्गीकरण में रंग ही सबसे महत्वपूर्ण कसौटी है। हालांकि, पन्ने के वर्गीकरण में स्फ़टिक को दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मानदंड माना जाता है। दोनों आवश्यक शर्तें हैं। एक उत्कृष्ट रत्न के रूप में मान्यता हासिल करने के लिए एक बेहतर पन्ने में, केवल एक शुद्ध सब्ज़ वर्ण ही नहीं होना चाहिए, बल्कि एक उच्च स्तरीय पारदर्शिता भी होनी चाहिए.वैज्ञानिक तौर पर कहा जाता है कि रंग तीन घटकों: वर्ण, संतृप्ति और रंगत में विभाजित है।
पीले और नीले रंग, वर्णक्रमीय रंग चक्र के हरे रंग के निकट पाए जाने वाले वर्ण, पन्ने में पाए जाने वाले सामान्य द्वितीयक वर्ण हैं। पन्ने, पीले-हरे से लेकर नीले-हरे वर्णों के होते हैं। निस्संदेह, प्राथमिक वर्ण हरा ही होना चाहिए. केवल उन्हीं रत्नों को पन्ना माना जाता है जिनकी रंगत मध्यम से लेकर गाढ़ी होती है। प्रकाशीय रंगत वाले रत्नों को प्रजातियों के नाम, हरित बेरिल के नाम से जाना जाता है। इसके अतिरिक्त, वर्ण अवश्य चमकीला (उज्ज्वल) होना चाहिए. भूरा, पन्ना में पाया जाने वाला सामान्य पन्ना होता है अक्सर गहरे हरे रःग के पन्ने नकली भी वनाऐ जाते है ईस लिऐ लैव से जाच करवा कर पहनना चाहिऐ पन्नों को मिस्र और ऑस्ट्रिया में खनन करके निकाला जाता था
पन्ने का एक दुर्लभ प्रकार, जिसे ट्रैपिच पन्ना के नाम से जाना जाता है, जो कभी-कभी कोलंबिया के खानों में पाया जाता है।
एक ट्रैपिच पन्ना एक ‘स्टार’ पैटर्न प्रदर्शित करता है; इसमें काले कार्बन की अशुद्धताओं के किरणों जैसी तिल्लियां होती हैं जो पन्ने को छः-नोंक वाला एक रेडियल पैटर्न प्रदान करता है पन्ने कोलंबिया के तीन मुख्य पन्नों के खनन क्षेत्रों: मुज़ो, कोस्कुएज़ और चिवोर, से आते हैं पन्ने अन्य देशों, जैसे – अफ़ग़ानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, ब्राज़ील, बुल्गेरिया, कनाडा, चीन, मिस्र, इथियोपिया, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, कज़ाखस्तान, मैडागास्कर, मोज़ाम्बिक, नामीबिया, नाइजीरिया, नॉर्वे, पाकिस्तान, रूस, सोमालिया, दक्षिण अफ़्रीका, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड, तंज़ानिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, ज़ाम्बिया और ज़िम्बाब्वे, में भी पाया जाता है। अमेरिका में, पन्ने कनेक्टिकट, मोंटाना, नेवादापन्ना कई दूसरे रत्नों की तरह खानों में पाया जाता है जहां ये कई अशुद्धियों के साथ होते हैं।
खानों से निकाल कर सबसे पहले उनकी अशुद्धियां दूर की जाती है। इसके बाद इन्हें विभिन्न आकार में तराश कर बाजार में भेजा जाता है। वर्तमान में कोलम्बिया की खानों में सबसे अच्छा पन्ना पाया जाता है। इसके बाद रूस और ब्राजील में मिलने वाले पन्ने सबसे बेहतर माने जाते हैं। मिश्र, नार्वे, भारत, इटली, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका और आस्ट्रिया में भी पन्ने की खाने हैं यह मैने पहले वता ही दिया है
भारत में यह मुख्यत: दक्षिण महानदी, हिमालय, सोमनदी व गिरनार में पाया जाता है।, उत्तर कैरोलिना और दक्षिण कैरोलिना में पाए गए हैं।पन्ना ग्रेनाइट, पेग्मेटाइट व चूने के पत्थरों के मिश्रण से बनता है। इसका रासायनिक फार्मुला Be3Al2(SiO3)6 होता है। इसकी कठोरता 7.75 होती है और आपेक्षिक घनत्व 2.69 से 2.80 तक होता है।
यह प्रकाश के परावर्तन की भी क्षमता रखता है इसकी परावर्तन क्षमता 1.57 से 1.58 के बीच होती है। ये एक पारदर्शक रत्न है जो प्राय: हरा और नीला-हरा पीला हरा सफेद हरा तरह के रंगों में पाया जाता हैयदि कुंडली में बुध ग्रह शुभ प्रभाव में हो तो पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए ! पन्ना धारण करने से दिमाग की कार्य क्षमता तीव्र हो जाती है और जातक पढ़ाई , लिखाई, व्यापार जैसे कार्यो में सफलता प्राप्त करता है! विधार्थियों को अपनी कुंडली का निरिक्षण किसी अच्छे ज्योतिषी से करवाकर पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए क्योकि हमारे शैक्षिक जीवन में बुध ग्रह की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है अच्छी शिक्षा बुध की कार्यकुशलता पर निर्भर है! यदि आप एक व्यापारी है और अपने व्यापार में उन्नति चाहते है तो आप पन्ना धारण कर सकते है! हिसाब किताब के कामो से जुड़े जातको को भी पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए क्योकि एक अच्छे गणितज्ञ की योग्यता बुध के बल पर निर्भर करती है! अभिनय और फ़िल्मी क्षेत्र से जुड़े जातको को भी पन्ना धारण करना चाहिए क्योकि बुध ग्रह इन क्षेत्रो से जुड़े जातको के जीवन में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है ओर अपनी कुन्ङली दिखा कर ही पन्ना घारण करना सही होगा मित्रो देखा देखी कोई भी रतन ना पहने यदि आप बुध देव के रत्न, पन्ने को धारण करना चाहते है, तो 3 से 6 कैरेट के पन्ने को स्वर्ण या चाँदी मे पहनेबुध के अच्छे प्रभावों को प्राप्त करने के लिए उच्च कोटि का असली पन्ना ही धारण करे, पन्ना धारण करने के 40 दिनों में प्रभाव देना आरम्भ कर देता है और लगभग 3 वर्ष तक पूर्ण प्रभाव देता है और फिर निष्क्रिय हो जाता है !
कुण्डली में बुद्ध ग्रह उच्च , मूल त्रिकोण या स्वराशि में हो तो पन्ना धारण करना चाहिए |
संवाद की दृस्टी से पन्ना धारण करना सर्वोत्तम है , यह रत्न मानसिक बल बढ़ाता है |
तथा जादू-टोने का प्रभाव कम करता है |