Madhumati Yogini Sadhana in Hindi

 मधुमति योगिनी- शुभ्र वर्ण वाली देवी अति सुंदर नाना प्रकार के अलंकारों से भूषित साधना के पश्चात सामने आकर किसी भी लोक की वस्तु प्रदान करती हैं। इनकी कृपा से पूर्ण आयु तथा अच्‍छा स्वास्‍थ्य प्राप्त होता है। राज्याधिकार प्राप्त होता है।

Madhumati Yogini Sadhana Mantra

मंत्र- ‘ॐ ह्रीं अनुरागिणी आगच्छ मैथुन प्रिये स्वाहा।’

Madhumati Yogini Sadhana Sankalp

ऊँ विष्णु र्विष्णुर्विष्णु : श्रीमद् भगवतो महापुरुषस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्त्तमानस्य अद्य श्री ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीय परार्धे श्री श्वेत वाराह कल्पै वैवस्वत मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे युगे कलियुगे कलि प्रथमचरणे भूर्लोके जम्बूद्वीपे भारत वर्षे भरत खंडे आर्यावर्तान्तर्गतैकदेशे —*— नगरे —**— ग्रामे वा बौद्धावतारे विजय नाम संवत्सरे श्री सूर्ये दक्षिणायने वर्षा ऋतौ महामाँगल्यप्रद मासोत्तमे शुभ भाद्रप्रद मासे शुक्ल पक्षे चतुर्थ्याम्तिथौ भृगुवासरे हस्त नक्षत्रे शुभ योगे गर करणे तुला राशि स्थिते चन्द्रे सिंह राशि स्थिते सूर्य वृष राशि स्थिते देवगुरौ शेषेषु ग्रहेषु यथा यथा राशि स्थान स्थितेषु सत्सु एवं ग्रह गुणगण विशेषण विशिष्टायाँ चतुर्थ्याम्शुभ पुण्य तिथौ — +– गौत्रः –++– अमुक दासो ऽहं मम आत्मनः मधुमति योगिनी पूजनं करिष्ये।इसके पश्चात्हाथ का जल किसी पात्र में छोड़ देवें।

संकल्प की आवश्कयता तभी है, जब पूजन को किसी विशेष समय तक किया जाये जैसे कुछ मास या कुछ वर्षो तक। अगर पूजन एक या दो बार करना है या कभीकभी करना है तो संकल्प की आवश्कयता नहीं है ।

पूजन करने से पूर्व गणपति के निम्न मंत्र को जापे और पूजन प्रारम्भ करें

 Urvashi Apsara Sadhna Deeksha

वक्रतुंडमहाकायसूर्यकोटिसमप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा

 

श्रीगणेशाय नमः

 

ऊँ गं गणपतये नम:”

Sade Sati Shani Remedies

क्षिप्र प्रसादाय नमः

 

श्रीम गम सौभाग्य गणपतये निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा

 

एकदंताय विद्यमहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात

Uchchhishta Ganapati Sadhna, Uchchhishta Ganapati Diksha

वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं वक्रतुण्डाय हुं

Madhumati Yogini Sadhana Diksha

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