Mahavir Jayanti 2019 Anmol Vichar of Mahavir
About The Mahavir Jayanti
आज 17 अप्रैल को महावीर जयंती का पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है। महावीर जयंती जैन समुदाय का सबसे प्रमुख त्योहार है। महावीर स्वामी का जन्म दिवस चैत्र की शुक्ल त्रयोदशी को मनाया जाता है।
भगवान महावीर स्वामी, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे, जिन्होंने दुनिया को सत्य और अहिंसा का संदेश दिया। एक राज परिवार में जन्म लेने वाले वर्धमान ने राज-पाठ, परिवार, धन-संपदा छोड़कर युवावस्था में ही लोगों को सत्य, अहिंसा और प्रेम का मार्ग दिखाया।
30 वर्ष की आयु में ज्ञान के लिए घर छोड़ा
वर्धमान ने 30 वर्ष की आयु में ज्ञान प्राप्त करने के लिए घर-परिवार छोड़ दिया और सत्य, अहिंसा और प्रेम की शक्ति को महसूस किया। वर्धमान में क्षमा करने का एक अद्भुत गुण था और कहा जाता है कि क्षमा वीरस्य भूषणम। जिसके बाद उन्हें महावीर कहा जाने लगा। तीर्थंकर महावीर ने अपने सिद्धांतों को जनमानस के बीच रखा। उन्होंने ढोंग, पाखंड, अत्याचार, अनाचारत व हिंसा को नकारते हुए दृढ़तापूर्वक अहिंसक धर्म का प्रचार किया।
महावीर ने समाज को अपरिग्रह, अनेकांत और रहस्यवाद का मौलिक दर्शन समाज को दिया। कर्मवाद की एकदम मौखिक और वैज्ञानिक अवधारणा महावीर ने समाज को दी। उस समय भोग-विलास एवं कृत्रिमता का जीवन ही प्रमुख था, मदिरापान, पशुहिंसा आदि जीवन के सामान्य कार्य थे। बलिप्रथा ने धर्म के रूप को विकृत कर दिया था।
Anmol Vichar of Mahavir
1. मनुष्य के दुखी होने की वजह खुद की गलतियां ही हैं जो मनुष्य अपनी गलतियों पर काबू पा सकता है वही मनुष्य सच्चे सुख की प्राप्ति भी कर सकता है।
2. आपात स्थिति में मन को डगमगाना नहीं चाहिए।
3. आत्मा अकेले आती है, अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है।
4. खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।
5. आपने कभी किसी का भला किया हो तो उसे भूल जाओ और कभी किसी ने आपका बुरा किया हो तो उसे भूल जाओ।
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