Baglamukhi Mantra
baglamukhi beej mantra
बगलामुखी देवी को प्रसन्न करने के लिए 36 अक्षरों का बगलामुखी महामंत्र —-
‘ऊं हल्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिहवां कीलय बुद्धिं विनाशय हल्रीं ऊं स्वाहा’ का जप,
हल्दी की माला पर करना चाहिए।
om hrim baglamukhi mantra and meaning
Oh Mother Baglamukhi, I take refuge in you. Let the speech, feet and organs of my enemy is stilled and let his intelligence be disabled so that he does not move further to harm me.
गायत्री मंत्र- ऊँ ह्लीं ब्रह्मास्त्राय विद्महे स्तम्भनबाणाय धीमहि। तन्नो बगला प्रचोदयात्।।
अष्टाक्षर गायत्री मंत्र- ऊँ ह्रीं हं स: सोहं स्वाहा। हंसहंसाय विद्महे सोहं हंसाय धीमहि। तन्नो हंस: प्रचोदयात्।।
अष्टाक्षर मंत्र- ऊँ आं ह्लीं क्रों हुं फट् स्वाहा
त्र्यक्षर मंत्र- ऊँ ह्लीं ऊँ
नवाक्षर मंत्र- ऊँ ह्लीं क्लीं ह्लीं बगलामुखि ठ:
एकादशाक्षर मंत्र- ऊँ ह्लीं क्लीं ह्लीं बगलामुखि स्वाहा।
ऊँ ह्ल्रीं हूं ह्लूं बगलामुखि ह्लां ह्लीं ह्लूं सर्वदुष्टानां ह्लैं ह्लौं ह्ल: वाचं मुखं पदं स्तम्भय स्तम्भय ह्ल: ह्लौं ह्लैं जिह्वां कीलय ह्लूं ह्लीं ह्लां बुद्धिं विनाशाय ह्लूं हूं ह्लीं ऊँ हूं फट्।
षट्त्रिंशदक्षरी मंत्र- ऊँ ह्ल्रीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ऊँ स्वाहा।