Khwaja Peer Mantra in Hindi

ख्वाजा जी का शाबर मंत्र 

“बिस्मिल्ला अल्ला साव की बंदगी नवी साव का नूर।
तसवी खुवाजा खिजर की कुल आलम हाजर हजूर।
चार यार बराबर चले पंजवे पाक रसूल।
करो मेरा मकसूद हासिल।
या गफूर, या गफूर, या गफूर।।

विधि :

इसे 5 माला 41 दिन करना चाहिए। साधना चलते जल के पास बैठकर या जल में खड़े होकर करें। इसके लिए पहले मीठे चावल बनाकर एक दिया नदी के किनारे कर देना चाहिए और प्रार्थना कर वो चावल जल में डाल कर आज्ञा ले लेनी चाहिए और कुछ फूल जल में डाल कर पूजन करें और फिर आज्ञा के बाद गुरु पूजन करें और इस साधना को शुरू करें। हर रोज 5 माला जप करें। साधना समाप्ति पर फिर से चावल मीठे बनाकर देने हैं। इस प्रकार यह साधना सिद्ध हो जाती है और आप इसका प्रयोग कर सकते हैं।

जय ख्वाजा पीर chandigarh

AddressBurail, 45A, Sector 45, Chandigarh, 160047

ख्वाजा पीर साधना

  1. इस साधना को सभी सुलेमानी साधनाओ का आधार माना जाता है
  2. मुस्लिम साधनाओ को करने से पहले इस साधना को सिद्ध किया जाता है
  3. इसे सिद्ध करने के बाद अन्य साधनाओ में आने वाले विघ्नों का नाश होता है
  4. शास्त्रों में ऐसा कोई विवरण नहीं मिलता पर लोक मान्यताओ में ख्वाजा पीर को जल का देवता माना गया है और यह माना जाता है कि यदि ख्वाजा पीर को सिद्ध कर लिया जाये तो बाकी पीर फ़क़ीर भी मददगार होते है
  5. इस साधना से ख्वाजा पीर का प्रत्यक्षीकरण भी होता है पर प्रत्यक्षीकरण आपके ध्यान पर निर्भर है यदि मन एकाग्र न हो और योग ध्यान न आता हो तो प्रत्यक्षीकरण नहीं हो सकता
  6. ख्वाजा पीर के 2200 प्रकार बताये जाते है और कुछ लोग 2200 ख्वाजा की सिद्धि एक साथ करते है
  7. 2200 ख्वाजा की सिद्धि बड़ी उग्र होती है इसलिए मै उस साधना को यहाँ लिखना ठीक नहीं समझता
  8. इस साधना को करने के बाद व्यक्ति सिद्ध पुरुष बन जाता है और अक्सर ऐसा देखा गया है कि इस साधना के बाद व्यक्ति का सम्बन्ध दूसरी दुनिया के साथ हो जाता है
  9. इस साधना को पौष या माघ के महीने में शुरू किया जाता है

|| मन्त्र ।।

जाग जाग जिन्दा पीर जाग रे,
सात सौ काम छोड़के मेरा काम करो रे
वास्ते हबीब देव के !

 

कलुआ मोहिनी मन्त्र

दसमहाविद्या नवार्ण मंत्र