Shani Dev Prashanwali or Shani Prashnavali, shani yantra

Shani Prashnavali

 शं को ११ बार पढ़ कर आँखों को बंद करे और ऊँगली घुमाये और फल देखे

Shani-Dev-Prashanwali

12– पिता की बात माने और आगे बढे, अपनी सेहत का ध्यान रखे

10-सब काम पुरे होंगे रविवार को सूर्य को जल दे और शनिवार को कोई भी अशुभ काम न करे

1- धन लाभ होगा एवं मान-सम्मान भी मिलेगा।

2- धन हानि अथवा अन्य प्रकार का अनिष्ट होने की आशंका है।

3- अभिन्न मित्र अथवा प्रिय से मिलन होगा, जिससे मन प्रफुल्लित होगा।

54-शनिदेव की किरपा मिल सकती है गुरवार के दिन गुरु पूजन करे

55- आर्थिक तंगी के कारण ही आपके घर में सुख-शांति नहीं है। एक माह बाद स्थितियां बदलने लगेंगी, धैर्य एवं संयम रखें।

46-सूर्य देव को जल देवे और चार शनिवार तक शनि दर्शन करे धन वापस आ जायेगा

3- अभिन्न मित्र अथवा प्रिय से मिलन होगा, जिससे मन प्रफुल्लित होगा।

4- कोई व्याधि अथवा रोग होने की आशंका है, अत: कार्य अभी टाल देना ही ठीक रहेगा।

8-विचार पूरी तरह त्याग दें। इस कार्य में मृत्यु तुल्य कष्ट की आशंका है। यहां तक कि मृत्यु भय भी है।

शनि देवता को न्याय का देवता कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि वह सभी के कर्मों का फल देते हैं. कोई भी बुरा काम उनसे छिपा नहीं, शनिदेव हर एक बुरे काम का फल मनुष्य को ज़रूर देते हैं. जो गलती जानकर की गई उसके लिए भी और जो अंजाने में हुई, दोनों ही गलतियों पर शनिदेव अपनी नजर रखते हैं. इसीलिए उनकी पूजा का बहुत महत्व है.

  • शनिदेव को तेल के साथ ही तिल, काली उदड़ या कोई काली वस्तु भी भेंट करें.
  • भेंट के बाद शनि मंत्र या फिर शनि चालीसा का जाप करे.
  • शनि पूजा के बाद हनुमान जी की पूजा करें. उनकी मूर्ति पर सिन्दूर लगाएं और केला अर्पित करें.
  •  शनिदेव की पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें: ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: 

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