Dattatreya Sadhana Vidhi in Hindi
दत्तात्रेय मंत्र साधना
भगवान दत्तात्रेय मंत्र साधना के लिए कुछ विशेष मंत्र बताये गए हैं। भगवान दत्तात्रेय के गायत्री और तांत्रोत्क मंत्र का नियमित जाप पूरे विधि-विधान से करने से मानसिक विकास होता है, बुद्धि बढ़ती है, मन का भय दूर होता है, आत्मबल मिलता है, समस्याएं दूर होती है और मनोवांछित लक्ष्य तक पहुंचने की शक्ति हासिल होती है। दत्तात्रेय मंत्र संकटनाशक और कामनापूर्तिकारक हैं।
गुरुवार और पूर्णिमा की शामके समय से ही साधना शुरू करना चाहिए । स्फटिक माला से २१ माला जाप करना चाहिए|
दत्तात्रेय मंत्र साधना विधि
- १ चौकी पर लाल रंग का कपडा बिछाकर उस पर भगवान् दत्तात्रेय मूर्ति स्थापित करे।
- एक मिट्टी के घड़े के ऊपर एक सूखे नारियल को लाल चुनरी मे लपेट कर चारो तरफ आम के पते लगाकर रख दे।
- तुलसी दल, बिल्वपत्र और गेंदे के फुल भगवान को अर्पित करे ।
- मेवे का भोग लगा दे।
- 5 अखंड दीपक जलाये जो साधना शुरु होने से लेकर पूरी रात तक जलते रहेंगे।
- दत्तात्रेय मंत्र साधना के लिए आपका आसान पीला या लाल रंग का होना चाहिए।
- अपने आसान के पास एक बर्तन मे पानी से भरा बर्तन रखे।
- बाएं हाथ में फूल और चावल के कुछ दाने लेकर विनियोग की प्रक्रिया निम्नलिखित मंत्र के साथ करे :
ऊँ अस्य श्री दत्तात्रेय स्तोत्र मंत्रस्य भगवान नारद ऋषिः अनुष्टुप छंदः,
श्री दत्त परमात्मा देवताः, श्री दत्त प्रीत्यर्थे जपे विनोयोगः! - फूल और चावल सिर झुकाकर भगवान् दत्तात्रेय की मूर्ति को अर्पित कर दे।
- दत्तात्रेय स्तोत्र का पाठ करे
- अब दत्त मंत्र का स्फटिक की माला से जाप करे
दत्तात्रेय ध्यान मंत्र
जटाधाराम पाण्डुरंगं शूलहस्तं कृपानिधिम।
सर्व रोग हरं देव,दत्तात्रेयमहं भज॥
दत्तात्रेय गायत्री मंत्र
ll ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दत: प्रचोदयात ll
दत्त तांत्रोत्क मंत्र-
ll ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नम: ll