Somvati Amavasya 2018

सोमवती अमावस्या का पर्व विशेषकर महिलाएँ मनाती है। इस पर्व में स्नान-दान का बड़ा महत्त्व है। इस दिन मौन रहकर स्नान करने से हजार गौदान का फल होता है। इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन तथा उनकी 108 प्रदक्षिणा करने का विधान है। 108 में से 8 प्रदक्षिणा पीपल के वृक्ष को कच्चा सूत लपेटते हुए की जाती हैं। प्रदक्षिणा करते समय 108 फल पृथक रखे जाते है। बाद में वे भगवान का भजन करने वाले ब्राह्मणों या ब्राह्मणियों में वितरित कर दिये जाते है। ऐसा करने से संतान चिरंजीवी होती है। इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है। सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्य ग्रहण के बराबर कही गयी हैं। इनमें किया गया स्नान, दान, जप व श्राद्ध अक्षय होता है।

 १६ अप्रैल २०१८

लग्न कुंडली और चलित कुंडली